Obama Uses Stern Statements for Pakistan

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ओबामा की पाकिस्तान को खरी-खरी

प्रकाशित: 29 जनवरी 2016

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक बार फिर आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर सकता है और ऐसा करना चाहिए। एक इंटरव्यू में ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी धरती से चल रहे आतंकी नेटवर्प को अवैध घोषित करने के साथ ही उनको पूरी तरह से नष्ट करना चाहिए। पठानकोट हमले के बाद जहां राष्ट्रपति ओबामा की सलाह व चेतावनी का सवाल है भारत के लिए स्वागतमय है। ओबामा ने यह ठीक कहा कि पाकिस्तान के पास दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि वह आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर गंभीर है। पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले को भारत की ओर से लंबे समय से झेले जा रहे अक्षम्य आतंकवाद की एक और मिसाल करार देते हुए ओबामा ने पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मिलने के लिए पीएम मोदी की सराहना भी की। जैसा मैंने कहा कि ओबामा ने पाकिस्तान को नसीहत के साथ हिदायत देते हुए जो कहा उसे अपने यहां हर तरह के आतंकी नेटवर्प को ध्वस्त करना चाहिए वह स्वागतयोग्य है, लेकिन तथ्य यह भी है कि अमेरिका दोहरी बातें करता है और उस पर किसी प्रकार का यकीन करना मुश्किल हो जाता है। एक तरफ आलोचना करता है दूसरी तरफ पाकिस्तान को एफ-16 विमान देने की बात होती है, यह जानते हुए भी कि यह भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने हैं। अरबों डॉलरों की सहायता करता है ताकि पाकिस्तान में यह जेहादी संगठन और मजबूत हों। अमेरिका की मजबूरी भी हम समझ सकते हैं। उन्हें हर हालत में अफगानिस्तान से भागना है और ऐसा करने के लिए उन्हें पाकिस्तानी मदद की सख्त जरूरत है। अमेरिका एक ओर आतंकवाद के खिलाफ अभियान का नेतृत्व भी कर रहा है और दूसरी ओर इन देशों के प्रति यथोचित कार्रवाई करने से भी बच रहा है जो इस या उस बहाने आतंकवाद का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करने में लगे हैं। अगर हम राष्ट्रपति ओबामा की टिप्पणी भारत आए गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान को भी जोड़ लें जिसमें उन्होंने पठानकोट हमले के सन्दर्भ में पाकिस्तान से जवाब-तलब करने की हमारी नीति को सही ठहराया है, तो इतना तो स्पष्ट हो ही जाता है कि दुनिया के बड़े देश हमारे पड़ोसी को आतंकवाद का प्रायोजक मानते हैं। यह निराशाजनक है कि जब अमेरिकी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में हैं तब भी वह पाकिस्तान के मामले में दोहरी बातें करके भारत को कोरी दिलासा दिलाने का काम कर रहे हैं। उचित तो यह होगा कि पाक के सन्दर्भ में ओबामा अपनी कथनी और करनी एक करें ताकि आतंक से सही ढंग से लड़ा जा सके।

-अनिल नरेन्द्र

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