Sunisa’s Gold Medal Changes the Story of a Community in America

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ओलंपिक में रचा इतिहास:सुनिसा के गोल्ड मेडल ने पलट दी ‘चीनी वायरस’ जैसे नस्लीय हमले झेलने वाले समुदाय की कहानी; अब अमेरिकी कह रहे- हमें गर्व है

7 दिन पहले

लेखक: न्यूयॉर्क से भास्कर के लिए मोहम्मद अली

चीनी मूल का बताए जाने के कारण मॉन्ग समुदाय के हिस्से में नफरत, उसी की बेटी ने रचा इतिहास

महामारी के दौरान ‘चीनी वायरस’ जैसे हमले झेलने वाले मॉन्ग समुदाय की कहानी जिमनास्ट सुनिसा ली के एक मेडल ने पलट दी है। चीनी मूल का बताए जाने के कारण अमेरिकी नफरत झेल रहे इस समुदाय की बेटी से अब देश के लोग कह रहे हैं कि आप पर गर्व है। आपने देश का सिर ऊंचा कर दिया। जिमनास्टिक में गोल्ड जीतने के बाद अमेरिका लौटीं सुनिसा का हीरो की तरह स्वागत हुआ।

अमेरिका के लिए यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसी एक मेडल से ओलिंपिक में उसकी बादशाहत कायम रह सकी। सुनिसा के लिए यह जीत अहम है क्योंकि अमेरिका में हाशिए पर रहे उनके समुदाय को इससे पहचान मिली। समुदाय का अतीत दमन, युद्ध, पलायन और नुकसान से भरा है। ऐसे में अपने बीच की एक 18 साल की लड़की को पोडियम पर गोल्ड मेडल पहनकर खड़े देखना, समुदाय के लिए कितना सुखद होगा, यह शब्दों बताना मुश्किल है।

लाओस के पर्वतों में रहने वाले मॉन्ग समुदाय ने वियतनाम युद्ध में गोपनीय रूप से अमेरिका की मदद की थी। पर अमेरिका यह जंग हार गया, इसलिए 20 हजार सैनिकों और 30 हजार नागरिकों को खोने के बावजूद अमेरिकी इतिहास में उनका योगदान स्वीकार नहीं किया गया।

लाओस में कम्युनिस्ट शासन के बाद बड़ी संख्या में लोग थाइलैंड गए, वहीं 30 हजार लोग अमेरिका में शरणार्थी बने। सुनिसा का परिवार उनमें से एक था। वे 1970 में पहुंचे थे। समुदाय के 25% से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे और 60% निम्न आय वर्ग में हैं, इसलिए सुनिसा की चर्चा दुनिया में है। पिता जॉन बताते हैं कि सुनिसा ने आर्टिफिशियल बीम ट्रेनिंग की, क्योंकि परिवार असली उपकरण नहीं खरीद सकता था।

ओलिंपिक में ऑल अराउंड गोल्ड जीतने वाली पहली एशियाई अमेरिकी

सुनिसा ओलिंपिक में ऑल अराउंड गोल्ड जीतने वाली पहली एशियाई अमेरिकी महिला तो हैं ही,पहली एशियाई महिला भी। मॉन्ग समुदाय रातोरात मीडिया की सुर्खियां बन गया है। न्यूज एंकर पैडी यांग कहती हैं सुनिसा ने साबित कर दिया है कि हम सफल हैं, कुछ भी कर सकते हैं। यह गोल्ड मेडल अमेरिकी नेताओं को मॉन्ग का योगदान याद दिलाने में मदद करेगा, साथ ही उन्हें इतिहास में सुधार के लिए प्रेरित करेगा।

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